तो क्या 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के टिकटों की पटकथा अभी से लिखी जा रही है? पौड़ी गढ़वाल से सांसद और पूर्व मुख्यमन्त्री भुवन चंद खंडूड़ी ने उम्र का हवाला देकर अगला चुनाव न लड़ने की बात कही है जिसके बाद अब न सिर्फ़ कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं बल्कि उत्तराखंड के साठ पार उम्र वाले सांसदों पर भी दबाव बढ़ गया है.
83 साल के बीसी खंडूड़ी फिलहाल पौड़ी गढ़वाल से लोकसभा के सांसद हैं लेकिन अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे. मुख्यमन्त्री रहते खंडू़ड़ी ने उत्तराखंड में कई मायनों में खुद को राजनीति के अलग स्तम्भ के रूप में खड़ा किया.
लोकायुक्त के मामले पर उनका स्टैण्ड भी अलग रहा और हमेशा सशक्त लोकायुक्त की वकालत करते रहे. अब बीसी खंडूड़ी ने 2019 का चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है जिसके बाद तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
दरअसल मोदी सरकार में उम्र के पैमाने पर कई दिग्गज नेताओं को मुख्य धारा से अलग रखा गया और मन्त्रिमंडल तक में जगह नहीं दी गई. अब 83 साल के खंडू़ड़ी ने लोकसभा चुनाव न लड़ने की घोषणा खुद ही कर दी है.
लिहाजा उम्र के हिसाब से गौर करें तो नैनीताल सांसद भगत सिंह कोश्यारी की उम्र भी 75 साल हो गयी है. हालांकि वह भी पिछले साल के सितंबर में ऐलान कर चुके हैं कि वह अब चुनाव नहीं लड़ेंगे, हालांकि उन्होंने कहा था कि उन्होंने इसके लिए आलाकमान से इजाज़त मांगी है. मतलब कोश्यारी ने ‘आलाकमान के हुक्म के नाम पर’ गुंजाइश बाकी रखी है.
टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह भी 67 साल की हैं और उम्र के दबाव से वह भी मुक्त नहीं हैं. ऐसे में खंडूड़ी के ऐलान के बाद दबाव बढ़ गया है और सोशल मीडिया में चर्चाएं तेज हो गयी हैं.
हरिद्वार से सांसद और पूर्व मुख्यमन्त्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक फिलहाल 58 साल के हैं लेकिन 2019 का चुनाव आते-आते 60 वर्ष के हो जाएंगे. नैनीताल और पौड़ी गढ़वाल की लोकसभा सीट पर टिकटों को लेकर अभी से चर्चा है कि पार्टी नए प्रत्याशी की तलाश में अंदरखाने अभी से जुट गई है.
उत्तराखंड के सभी पांच लोकसभा सांसद भाजपा के हैं जिनमें टिहरी, पौड़ी और नैनीताल सीट के सांसद साठ की उम्र पार कर चुके हैं.
ऐसे में मिशन 2019 की तैयारी में जुटी भाजपा क्या फैसला लेगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन खंडूड़ी के ऐलान से टिकटों की आस लगाये नेताओं में हलचल तेज हो गई है.
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