टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated Nov अलवरराजस्थान के अलवर में कथित गोरक्षकों द्वारा बीते शुक्रवार को उमर खां (42) को गोली मारने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में है। इस कथित फायरिंग में उमर की जान चली गई थी और उसका दोस्त जावेद बुरी तरह जख्मी हो गया था।
इस बीच मृतक के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उमर के साथियों को, जो घटना के समय उनके साथ ही थे, ये घटना भुलाये नहीं भूल रही।
इस बीच मृतक के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उमर के साथियों को, जो घटना के समय उनके साथ ही थे, ये घटना भुलाये नहीं भूल रही।
उमर खां और उनके साथी ताहिर और जावेद शुक्रवार को गायों को लेकर राजस्थान के दौसा से भरतपुर जिले ले जा रहे थे। तीनों अलवर-भरतपुर बॉर्डर पर स्थित घाहेंकर पहुंचे थे। ताहिर घटना को याद करते हुए बताते हैं, 'उस वक्त सुबह के 5 बजे होंगे जब अचानक सात लोगों ने हमारी गाड़ी पर गोलियां चलानी शुरू कर
अपने बायें हाथ में लगी गोली के निशान को दिखाते हुए वह आगे कहते हैं कि मैं नहीं जानता कि वे गोरक्षक थे या फिर बजरंग दल वाले लेकिन उनके पास हर तरह के हथियार थे। उनके पास कारतूस की बेल्ट थी। वे लोग अचानक उमर और मुझ पर गोलियां चलाने लगे। इसके बाद उमर ने चीखते हुए कहा, 'मैं मारा जा रहा हूं भागो जल्दी।'
ताहिर ने आगे बताया, 'जावेद उस वक्त गाड़ी चला रहे थे। उमर उसके दूसरी तरफ थे जबकि मैं बीच में था। हमने तुरंत गाड़ी रोकी और दरवाजा खोलकर भाग गए। मुझे नहीं पता था कि जावेद और उमर कहां थे न ही मैंने उनका इंतजार किया। मेरे शरीर से खून निकल रहा था। उन्होंने दोबारा मुझ पर गोली चलाई लेकिन मैं बच निकला।'
उमर खां की मौत के बाद राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने सोमवार को कहा कि हमारे पास इतनी मैनपॉवर नहीं है कि हर जगह हर स्थिति को समय से पहले कंट्रोल सके। हालांकि उन्होंने हत्यारों के जल्द से जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया।
इस मामले में अब तक पुलिस दो लोगों को पकड़ चुकी है। एसपी अलवर राहुल प्रकाश ने बताया कि भगवान सिंह और रामवीर दोनों गोविंदगढ़ के पास स्थित मरकापुर के रहने वाले हैं और गोरक्षा के बहाने लोगों को लूटने का आरोप उन पर है।
अपने बायें हाथ में लगी गोली के निशान को दिखाते हुए वह आगे कहते हैं कि मैं नहीं जानता कि वे गोरक्षक थे या फिर बजरंग दल वाले लेकिन उनके पास हर तरह के हथियार थे। उनके पास कारतूस की बेल्ट थी। वे लोग अचानक उमर और मुझ पर गोलियां चलाने लगे। इसके बाद उमर ने चीखते हुए कहा, 'मैं मारा जा रहा हूं भागो जल्दी।'
ताहिर ने आगे बताया, 'जावेद उस वक्त गाड़ी चला रहे थे। उमर उसके दूसरी तरफ थे जबकि मैं बीच में था। हमने तुरंत गाड़ी रोकी और दरवाजा खोलकर भाग गए। मुझे नहीं पता था कि जावेद और उमर कहां थे न ही मैंने उनका इंतजार किया। मेरे शरीर से खून निकल रहा था। उन्होंने दोबारा मुझ पर गोली चलाई लेकिन मैं बच निकला।'
हालांकि उसके बाद भी हमलावर हमारा पीछा करते रहे। वहां से एक मोटरसाइकिल की मदद से हम सिकरी के एक गांव पहुंचे। ताहिर कहते हैं कि उनके खिलाफ गोतस्करी के कई मामले दर्ज होने के डर के चलते उन्होंने लिस को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
उमर खां की मौत के बाद राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने सोमवार को कहा कि हमारे पास इतनी मैनपॉवर नहीं है कि हर जगह हर स्थिति को समय से पहले कंट्रोल सके। हालांकि उन्होंने हत्यारों के जल्द से जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया।
इस मामले में अब तक पुलिस दो लोगों को पकड़ चुकी है। एसपी अलवर राहुल प्रकाश ने बताया कि भगवान सिंह और रामवीर दोनों गोविंदगढ़ के पास स्थित मरकापुर के रहने वाले हैं और गोरक्षा के बहाने लोगों को लूटने का आरोप उन पर है।
Post A Comment:
0 comments so far,add yours