सोवियत यूनियन की तरह चीन को तबाह कर सकता है भ्रष्टाचार'
रॉयटर्स | Updated Nov 15, 2017, 07:09 PM IST
पेइचिंग
अगर चीन खुद को सोवियत संघ की तरह तबाह होने से बचाना चाहता है तो उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को जारी रखते हुए उसे और मजबूती से लड़ना होगा। चीन में सेंट्रल कमिशन फॉर डिसिप्लिन इंस्पेक्शन के डेप्युटी सेक्रटरी यांग शियाओडू ने बुधवार को एक संपादकीय में यह बात कही है। यांग ने कहा कि अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई में देश नाकाम रहा तो यह देश के भविष्य के लिए ठीक नहीं होगा। यांग को पिछले महीने सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो में शामिल किया गया था।
पिछले प्रशासन की असामान्य रूप से सीधे और कड़े शब्दों में निंदा करते हुए यांग ने कहा, 'पिछले समय में भ्रष्टाचार इस हद तक बढ़ गया था कि पार्टी का नेतृत्व तक कमजोर पड़ गया। इस दौरान निरीक्षण बेहद कमजोर रहा और विचारधारा बेपरवाह रही।' सरकारी अखबार पीपल्स डेली में यांग ने लिखा, 'भ्रष्टाचार इस हद तक बढ़ गया है कि अगर उसे नियंत्रित नहीं किया गया तो देश का स्वरूप बदल जाएगा। ऐसे में पार्टी और देश के लोगों का भविष्य वैसा ही हो सकता है जैसे सोवियत यूनियन और ईस्टर्न ब्लॉक का हुआ था।'
अपने पूर्ववर्तियों की तरह राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी यही मानते हैं कि सत्ता पर पकड़ ढीली होने से देश में उथल-पुथल मच सकती है और देश टूटने की कगार पर भी आ सकता है। यही वजह है कि पार्टी हमेशा अपने काडर से कहती है कि वह सोवियत यूनियन के विघटन का अध्ययन करे।
यांग का संपादकीय इस बात की ओर इशारा करता है कि चिनफिंग के दाहिने हाथ माने जाने वाले वांग क्विशान की विदाई के बाद भी भ्रष्टाचार के खिलाफ चिनफिंग की लड़ाई कमजोर नहीं होगी। पिछले महीने पार्टी नेतृत्व में हुए बदलाव से पहले वांग को चीन का दूसरा सबसे शक्तिशाली राजनेता माना जाता था। उन्हें ऐंटी करप्शन के चीफ पद से हटा दिया गया था।
वांग की जगह नए चीफ बनाए गए झाओ लेजी ने भी इसी तरह का एक संपादकीय पिछले शनिवार को लिखा था। बहरहाल, यांग ने अपने संपादकीक में यह भी लिखा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चिनफिंग के अभियान से हासिल हुईं उपलब्धियां क्रांतिकारी हैं, लेकिन पार्टी के अंदर मौजूद भ्रष्ट तत्वों की सफाई अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह लड़ाई काफी गंभीर और जटिल है। इसमें वापसी का कोई रास्ता नहीं है, सिर्फ आक्रामकता के साथ आगे बढ़ना होगा। जाहिर है कि इसे कुछ देर के लिए भी रोका नहीं जा सकता।
अगर चीन खुद को सोवियत संघ की तरह तबाह होने से बचाना चाहता है तो उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को जारी रखते हुए उसे और मजबूती से लड़ना होगा। चीन में सेंट्रल कमिशन फॉर डिसिप्लिन इंस्पेक्शन के डेप्युटी सेक्रटरी यांग शियाओडू ने बुधवार को एक संपादकीय में यह बात कही है। यांग ने कहा कि अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई में देश नाकाम रहा तो यह देश के भविष्य के लिए ठीक नहीं होगा। यांग को पिछले महीने सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो में शामिल किया गया था।
पिछले प्रशासन की असामान्य रूप से सीधे और कड़े शब्दों में निंदा करते हुए यांग ने कहा, 'पिछले समय में भ्रष्टाचार इस हद तक बढ़ गया था कि पार्टी का नेतृत्व तक कमजोर पड़ गया। इस दौरान निरीक्षण बेहद कमजोर रहा और विचारधारा बेपरवाह रही।' सरकारी अखबार पीपल्स डेली में यांग ने लिखा, 'भ्रष्टाचार इस हद तक बढ़ गया है कि अगर उसे नियंत्रित नहीं किया गया तो देश का स्वरूप बदल जाएगा। ऐसे में पार्टी और देश के लोगों का भविष्य वैसा ही हो सकता है जैसे सोवियत यूनियन और ईस्टर्न ब्लॉक का हुआ था।'
यांग का संपादकीय इस बात की ओर इशारा करता है कि चिनफिंग के दाहिने हाथ माने जाने वाले वांग क्विशान की विदाई के बाद भी भ्रष्टाचार के खिलाफ चिनफिंग की लड़ाई कमजोर नहीं होगी। पिछले महीने पार्टी नेतृत्व में हुए बदलाव से पहले वांग को चीन का दूसरा सबसे शक्तिशाली राजनेता माना जाता था। उन्हें ऐंटी करप्शन के चीफ पद से हटा दिया गया था।
वांग की जगह नए चीफ बनाए गए झाओ लेजी ने भी इसी तरह का एक संपादकीय पिछले शनिवार को लिखा था। बहरहाल, यांग ने अपने संपादकीक में यह भी लिखा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चिनफिंग के अभियान से हासिल हुईं उपलब्धियां क्रांतिकारी हैं, लेकिन पार्टी के अंदर मौजूद भ्रष्ट तत्वों की सफाई अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह लड़ाई काफी गंभीर और जटिल है। इसमें वापसी का कोई रास्ता नहीं है, सिर्फ आक्रामकता के साथ आगे बढ़ना होगा। जाहिर है कि इसे कुछ देर के लिए भी रोका नहीं जा सकता।
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