प्रेस की स्वतंत्रता के संबंध में एक अंतर्राष्ट्रीय संकेतक ने पत्रकारों के लिए असुरक्षित देशों की सूची में पाकिस्तान को शामिल किया है. इस सूची में फिलीपींस और बांग्लादेश भी शामिल हैं. इंटरनेशनल मीडिया एडवोकेसी ग्रुप के रिपोर्टरों द्वारा, तैयार वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में पाकिस्तान, 180 देशों की सूची में 139वें स्थान पर है. इसकी जानकारी शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई.
डॉन न्यूज के मुताबिक इससे पहले 2016 में पाकिस्तान इस सूची में 146वें स्थान पर था. रिपोर्ट में भारत का स्थान 136वां है.
रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण एशिया के इन दोनों देशों में हालांकि कई अन्य राष्ट्रों के मुकाबले कहीं ज्यादा प्रेस की आजादी है लेकिन यहां पत्रकार आतंकियों, धार्मिक समूहों और माफिया के निशाने पर होते हैं. इसलिए उन्हें खतरा बना रहता है.
पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गठित न्यूयार्क की कमेटी ने 60 पत्रकारों का नाम दिया है जो 1994 से लेकर अभी तक पाकिस्तान में मारे गए हैं. लेकिन, कमेटी ने पाकिस्तान को इस साल सबसे खतरनाक देशों की सूची में शामिल नहीं किया है.
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, रिपोर्टर विदाउट बार्डर यानी आरएसएफ का कहना है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र सबसे खराब होने के मामले में तीसरे स्थान पर आते हैं जहां सबसे ज्यादा कानूनों का उल्लंघन होता है. चीन और वियतनाम दो ऐसे देश हैं जो पत्रकारों व ब्लागरों के सबसे बड़े कारागार हैं.
डॉन न्यूज के मुताबिक इससे पहले 2016 में पाकिस्तान इस सूची में 146वें स्थान पर था. रिपोर्ट में भारत का स्थान 136वां है.
रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण एशिया के इन दोनों देशों में हालांकि कई अन्य राष्ट्रों के मुकाबले कहीं ज्यादा प्रेस की आजादी है लेकिन यहां पत्रकार आतंकियों, धार्मिक समूहों और माफिया के निशाने पर होते हैं. इसलिए उन्हें खतरा बना रहता है.
पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गठित न्यूयार्क की कमेटी ने 60 पत्रकारों का नाम दिया है जो 1994 से लेकर अभी तक पाकिस्तान में मारे गए हैं. लेकिन, कमेटी ने पाकिस्तान को इस साल सबसे खतरनाक देशों की सूची में शामिल नहीं किया है.
पत्रकारों के लिए सर्वाधिक खतरनाक नौ देशों की सूची में इराक सबसे ऊपर है और दूसरे नंबर पर सीरिया और तीसरे पर मेक्सिको है. अफगानिस्तान सातवें स्थान पर है.
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, रिपोर्टर विदाउट बार्डर यानी आरएसएफ का कहना है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र सबसे खराब होने के मामले में तीसरे स्थान पर आते हैं जहां सबसे ज्यादा कानूनों का उल्लंघन होता है. चीन और वियतनाम दो ऐसे देश हैं जो पत्रकारों व ब्लागरों के सबसे बड़े कारागार हैं.
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