खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के वैश्विक सम्मेलन ‘विश्व खाद्य भारत-2017’ के पहले दिन आज आईटीसी, पेप्सिको, पतंजलि और कोका कोला जैसी देश -विदेश की कंपनियों ने 68,000 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धता जतायी है.
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि ‘विश्व खाद्य भारत 2017’ के पहले ही दिन 13 सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गये हैं. इसमें पंतजलि ने 10,000 करोड़ के निवेश के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए.
केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने एक बयान में कहा, ‘‘हमने विश्व खाद्य भारत प्रदर्शनी और सम्मेलन के पहले ही दिन 68,000 करोड़ रुपये के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं तथा अगले कुछ दिनों में और निवेश के प्रस्तावों का आना तय है.’’
बहुराष्ट्रीय कंपनी पेप्सिको ने जहां खाद्य एवं पेय संयंत्र की स्थापना के लिए 13,300 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है, वहीं प्रतिद्वन्द्वी कंपनी कोका कोला ने फलों के रस को बोतलबंद करने का कारखाना एवं फल प्रसंस्करण संयंत्र लगाने के लिए 11,000 करोड़ रुपये लगाने की घोषणा की है.
बयान में कहा गया है कि आईटीसी और पंतजलि ने भी 10,000-10,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं. इसके अलावा एमेजॉन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के सर्राफ समूह और यस बैंक भी निवेश प्रस्ताव लाने वाली प्रमुख कंपनियां हैं.
बादल ने कहा, ‘‘ये निवेश हमें किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल करने तथा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भारी संख्या में रोजगार सृजित करने में मदद करेगा.’’ आईटीसी ने जहां कहा है कि वह 20 समेकित खाद्य प्रसंस्करण एवं उपस्कर सुविधाओं की स्थापना के लिए 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी वहीं पेप्सिको ने कहा है कि वह अपने साझेदार के साथ अगले पांच वर्ष में 13,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
आयोजन के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए नेस्ले के निदेशक मंडल के अध्यक्ष पॉल बुल्के ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की कमी, बढ़ती आबादी और बढ़ते खाद्य मांग की चुनौतियों के बीच कृषि क्षमता निर्माण के लिए निवेश को शीर्ष प्राथमिकता दी जानी चाहिये.
तीन दिवसीय मेगा आयोजन का उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया. लातविया के प्रधानमंत्री मेरिस कुकिन्सकिस और अर्मेनिया के राष्ट्रपति सर्झ सर्गस्यान के साथ इटली, जर्मनी और डेनमार्क के खाद्य एवं कृषि मंत्री आयोजन में उपस्थित थे. केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह भी उद्घाटन सत्र में मौजूद थे.
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